Monday 29 March 2010

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तेरे एहसास को तरसना, तेरी छुअन को न महसूस कर पाना
तेरी परछाई को पर्छियों में तलाशना, तेरी आहट होने का  इंतज़ार करना
तेरी होटों से दो शब्द सुनने की तमन्ना रखना, तेरी साए में रहने की गुज़ारिश करना
तेरे हर कदम पे तेरा साथ देने की तमन्ना, तेरे साथ को तरसना
तेरे बिन हर पल यूँ छटपटाना, अधुरा अधुरा सा महसूस करना
तेरे बिन बस यूँ ही जीने के लिए सांसे लेना, ज़िन्दगी का अर्थ - व्यर्थ समझना
तेरे साथ जिंदगी का अर्थ तलाशने  की तमन्ना रखना, सांसो को जीवंत करना 
तू मिल जाये बस दिन रात यही दुआ करना, तू खुश रहे यही कामना करना
तेरे बिन  कैसी है ये  बेकरारी , तू मिल जाये तो ज़िन्दगी मैं फिर से भरेंगी खुशियाँ सारी
तेरे गोद में सर रख के सोने की तमना रखना, तेरे साये में ज़िन्दगी बसर करना ...
तेरे साथ घंटो बातें करने , सूरज जला के बुझाना यही तमन्ना करना   .
तेरे बिन जी न पाएंगे हम, तू समझता नहीं इस प्यार को मेरे .....बस इस दीवानी का यही हैं गम

  

Sunday 28 March 2010

तुम

आंसू  भी  सुख  गए  ..
तेरी  तस्वीर  से   रंग  गए ....
तू  नहीं  पर  तेरी  यादें  थी  यही
तेरे  सिवा  मेरा  अपना  कोई  नहीं .....
जाना  था  तुझे , पाना  था  तुझे .....
एक  ही पल  में  अपना  सबकुछ माना  था  तुझे
फिर  एक   पल  में  हम तुमसे  जुदा  हो  गए
हम  नजाने  फिर  से  क्यों  अनजाने  हो  गए .....
सोचा  था  जी  लूँगा  बिना  तेरे  यहाँ
पर तेरी  यादो  से  बच  के  जाऊँगा  मैं कहाँ
तुझे  भुला  नहीं  पता  हूँ
तेरी  यादों  मैं  तन्हाई  से  लिपट सा  जाता  हूँ
आंसू  आब  नम  हो  गए  हैं .....
तुम्हारी  याद  मैं  इस जीवन  के  पल  और काम  हो  गए  हैं
तुम  वापिस  आओगे  मेरे  पास,
बस  यही  करता रहता  है   दिल  मेरा,  याद करते हुए आस |

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बीरेन भाटिया