Saturday 3 December 2011

तू और मैं .....

तुझ पे हैं ये एहसान,
बना दिया मैंने तुझको इंसान 
होना था कुछ और तुझे
बना दिया साला इंसान बेवजह
अब तू इंसान कहलाता हैं
पर तुझमे और जानवरों मैं फर्क कहा नज़र आता हैं
मार कट, लव सेक्स और धोखा सब हैं तेरे पास
टाइम आने पे जरूरत मैं कर ही लेता हैं तू मेरी अरदास
भुला बैठा है तू इंसानियत, तो मैं भी भुला बैठा हूँ तुझे
इंसानियत भुला दी हैं तुने, बस आब ख़तम भी कर दूंगा जल्द ही तुझे ! ................

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