Sunday, 12 August 2012

ये मेरा इंडिया

रोते बच्चे की ममता की आस हैं, ये मेरा इंडिया 
धूप मे चिलचिलाते रेगिस्तानो की प्यास है, ये मेरा इंडिया 
सूखे से पेड़ मैं सावन की, तलाश है "ये" मेरा इंडिया
 
हर दिन कुछ नया कर जाने की, प्रगति पाने की प्यास हैं, ये मेरा इंडिया 
बोर्डर पे लड़ते जवानों की घर आने की आस हैं, ये मेरा इंडिया 
ईमानदार  नेताओ की, देशभक्त  जवानों की आवाज़ हैं, ये मेरा इंडिया 
रोते हुवों को हँसाने की, प्यार बरसाने, मदद करते जाने की सौगात हैं "ये" मेरा इंडिया 
सपनो की, कथा कहानियों  की ग्रंथो रामायणों की अताहः हैं ये मेरा इंडिया
 
और आज 
महंगाई के असमानों की, बहकते नौजवानों की, बेघर बेगानों की तलाश है ये मेरा इंडिया
घुसखोर इंसानों की, बेशरम  नौजवानों की,  बिखरते अरमानो की जमात हैं ये मेरा इंडिया   
दंगो मैं पलती, राख मैं बदलती तड़पती-सड़ते हुए अरमानो की, corruption की, नपुंसक लाश हैं ये मेरा इंडिया 
  
परन्तु 
नए प्रद्योगिक खजानों की, नए विज्ञानों की, बेहतर मकामो की श्वास हैं ये मेरा इंडिया 
नयी चाहो की, नयी रहो की आज के युवा के ....  पास  हैं ये मेरा इंडिया 
आओ कदम दो बड़ा लो, बचा लो इसे, वर्ना बचेगा नहीं - "ये मेरा इंडिया 

Thursday, 2 February 2012

TRUTH ....

I don't seem to exist anymore.....
and my presence....is not observed..
I do stand out see people pass by....one or two looking at me..
scratching me....trying to friend me...
But some else....pulls them away and they easily sway..and go away..
They keep staring at me...wanting me ...cursing me
They keep on trying half heartedly....they even pray.....
Oh God is there no body with him?? No-no, no way
All of them just want to pray....

Sincerely yours
TRUTH !

Tuesday, 17 January 2012

Its been ... ... ...

Its been years since I have, had a good night  sleep
Its been years since I shared my feelings, was sad and weeped
Its been time since I have met any friends
Its been time ..and alas I have accepted the tends
Its been a while I jumped out of joy, burst out in laughter or played a con
Its been a while I said it .."damn it I don care bring it on...


Its been years since I had that conversation where i could have said it all
Its been years since the kingdom in and around me was on full glory but now it has to fall
Its been time since I said I care..
Its been time since i did anything out of a dare
Its been a while and I miss my life, and I am just playing a safe game
Its been a while I want to break free, change the living  but its still the same


Its been so long I have just thought about only thinking to do it....
Its bee very long and its decided its affirmative......I am going to DO it ;)

Saturday, 3 December 2011

तू और मैं .....

तुझ पे हैं ये एहसान,
बना दिया मैंने तुझको इंसान 
होना था कुछ और तुझे
बना दिया साला इंसान बेवजह
अब तू इंसान कहलाता हैं
पर तुझमे और जानवरों मैं फर्क कहा नज़र आता हैं
मार कट, लव सेक्स और धोखा सब हैं तेरे पास
टाइम आने पे जरूरत मैं कर ही लेता हैं तू मेरी अरदास
भुला बैठा है तू इंसानियत, तो मैं भी भुला बैठा हूँ तुझे
इंसानियत भुला दी हैं तुने, बस आब ख़तम भी कर दूंगा जल्द ही तुझे ! ................

Saturday, 15 October 2011

भागम भाग

हम सारी उम्र भागने मैं निकाल देते हैं ....और शायद ऐसी चीजों के लिए जिनके पाने के बाद हमें लगता है साला...इसके लिए की थी भागदौड़....
हम अपने सपने छोड़ के किसी और के सपनो को पूरा करने भागता है .....खुद सपने देखना भूल जाते हैं दुसरो के सपनो मैं जीते हैं ...
अपना कोई सपना साला आये भी तो ....सोचते हैं ,... ये तो वहम हैं भाई ....जागो जो सपने के पीछे भाग रहे थे उठो ....फिर से भागो ...
भागना  ....इन्सान की प्रवति का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं .....बचपन मैं माँ - बाबा की पिटाई से भागना...
पडोसी का कांच तोड़ के भागना .... किसी के साथ मस्करी कर डांट, मार ना पढ़ जाये इसके लिए भागना...
स्कूल ना जाने से भागना ....स्कूल जाके स्कूल बंक करके भागना...
स्कूल मैं प्यार हो जाये तो लड़की के पीछे भागना ...
उसके भाई या बापू को पता चले तो उनकी पिटाई से बचने के लिए भागना
अब्सेंट हो जाये तो दोस्तों के पीछे home वर्क के लिए भागना ...
10 -11 th  क्लास के बाद माँ बाप से बहन - भाई से दूर भागना ....
मैं बड़ा हो गया हूँ ये सोच के ....बड़ो से भागना उनकी सलाह से भागना
स्कूल के बाद कॉलेज के लिए भागना ....कॉलेज मैं अब्सेंट ना हो जाये XX ना लग जाये ..इसके लिए ना चाहते हुए भागना
कॉलेज मैं भी प्यार हो जाये तो लड़की के पीछे भागना...
और प्यार नहीं हो, तो प्यार की खोज मैं भागना ..
फिनाल इयर मैं ...जॉब की तलाश मैं यहाँ वहां भागना......और उससे पहले के सालों मैं RESUME  को अच्छा करने के लिए यहाँ वहां भागना ...
जॉब ज्वाइन करके satisfaction ना पाके,  नए जॉब के पीछे भागना
और कुछ नहीं तो MBA , CFA  etc के पीछे भागना की कहें तो कुछ नया ह़ो
जॉब मैं रहके गर्ल फ्रेंड बनाने के लिए यहाँ वहां भागना .....
कुछ टाइम जॉब मैं काम से भागना....बॉस के सामने दिखने के लिए भागना ....
अपने दोस्तों की settled / unsettled लाइफ से जल के या डर के अपनी लाइफ को अच्छा करने की आस लेके भागना ...
दोस्तों के सवालो के जवाब ना देना पढ़े इसलिए उनके फ़ोन, समस, चाट से यहाँ तक की उनकी लाइफ के सलेब्रतिओं से भागना ....
कुछ ना ह़ो तो कुछ करने के लिए भागना..... प्यार नहीं हुआ तो सेत्तले होने के लिए शादी के लिए लड़की देखने के लिए ...यहाँ वहां भागना
शादी होने के बाद एकांत ढूँढने के लिए भागना.... ...
थोड़े टाइम बाद रिश्तो को सरदर्द समझ के रिश्तो से भागना.....अपनी monotonous लाइफ से बोरियत दूर करने के लिए भागना ...
थक हार के भी ....बच्चो के साथ भागना ....बच्चो के पीछे भागना .....उनके स्कूल कॉलेज की जरूरतों को पूरा करने के लिए भागना ....
भागना भागना ,,,,,,,और भागना......और इसी भागम भाग मैं हम खुद से  ही भागने लगते हैं .....
और जब साला retirement   के बाद खुद के लिए टाइम मिलता हैं भागम भाग से मुक्ति मिलती हैं तो
हमें लगता हैं जन्दगी साली कितनी बेईमान हैं ....कितना भागती हैं ....और हमें अपने पीछे भागाति रहती हैं ....भागती रहती हैं  ......भागाति रहती है..

Wednesday, 10 August 2011

कुछ दोस्त

कुछ दोस्त यूहीं जुड़ते हैं फिर भीड़ मैं खो जाते हैं , और कई चेहरे इस दोस्त खाने वाली भीड़ मे अपने से नज़र आते हैं
कुछ हमें छोड़ देते हैं और कुछ को हम पीछे छोड़ आते हैं , ना जाने कितने नए चेहरों से 'हम' जुड़ जाते हैं
हम पुराने दोस्तों को खोके  उनकी यादों  को भी भीड़ मैं खो देते हैं, पर
असलियत तो ये हैं उनकी यादे हमारे ज़हन के किसी भीतरी कोने मैं छुपी होती हैं
और जब भी हमें वो यादे याद आते हैं .,..आँखों मैं नमी और लबो पे हसी ले आते हैं
हमें हमारे  बीते वक़्त मैं ले जाते है , वो मस्ती वो मज़ा वो प्यार वो तकरार वो बात बात पे लड़ना और वो यू पल मैं ही मन जाना
वो पैसे जुगाड़ करके मूवी जाना, और मूवी से जादा बाजु मैं बैठे couple को देखना
वो बिना प्लान करी गयी ट्रिप्स वो सारे मजाक वो बात बात मे टांग खीचना
आप सोचते हैं आप भुला चुके है पर आपके ज़हन के किसी कोने मैं वो अभी भी छुपी होती हैं .....
हम नए दोस्त तो बना लेते हैं .....पर उनमें भी हमारे पुराने दोस्तों को तलाशते है .....
बिलकुल उसके जैसा हैं ...क्या यार इसे क्यूँ दोस्त बनाया इससे आचा तो अपना XYZ  था
बस इसी सोच विचार मैं इसी तरह से बदलती दोस्ती और प्यार मैं हम जीते जाते हैं
भीड़ मे  ही दोस्तों को खोते हैं और उसी दोस्त खाने वाली भीड़ मैं से नए दोस्त बना जाते हैं  .......

Wednesday, 27 July 2011

सोच

सोचना एक अपराध  सा बनता जा रहा हैं मेर लिए ..
कब क्या क्यूँ ? ये वो  ..ना जाने क्या क्या सवाल आते है  दिमाग मैं और जब इन सवालो के जवाबों को तलाशने जाता हूँ तो नजाने मन कहाँ भटक जाता है दिल साला कही और की सोचने लगता ..
ये साली सोच बड़ी ही खतरनाक चीज है ना जाने किसको क्या बना देती हैं चूतिये को सुपर हीरो, और हीरो को सुपर विल्लन बन देती है 
एक सोच मेरी भी .....एक क्या अनेको चीजो को सोचता हूँ एक साथ ....इसी के चलते सब रिश्ते नाते दोस्त प्यार व्यार सब साला भुला बैठा हूँ 
अजीब सा हो गया हूँ इस सोच के चलते ....या अजीब था और अजीब सोचने लगा हूँ और अब जो हूँ वो दोनों का मिश्रित फल हैं 
जमाना हो गया किसी दोस्त से बात किये ...सोचता हूँ क्या कभी दोस्त भी बनाये थे ?..या बस ...HI HELLO  वाले साथी थे  ?
मैं उनको शायद कभी याद कर लेता हूँ और उनसे बात करने के लिए फ़ोन उठता भी हूँ बुत ये सोच "साले उनको मैं कभी याद नहीं आता वो मेरे बारे मैं कभी नहीं "सोचते " क्या ?
या वो लोग भी ऐसी ही किसी सोच का शिकार होके मुझे और बाकि दोस्तों से दूरी बनाये हुए हैं ....?
चलो दोस्तों को तो छोड़ो ...हद तो ये है की रिश्तेदार ....तक कभी खोज खबर नहीं लेते.....चाहे मुझे कुछ भी हुआ हो  ..
मजाल हो मुझे कोई फ़ोन कर ले....सब हाल हवाल लेते है मेरी माता जी से ...पता नहीं क्यों ? 
सोच यहाँ फिर पनप जाती हैं और रिश्तेदारों से साली  दूरी अपने आप पनप जाती हैं !
कभी कभी सब से बात करना मिस करता हूँ,वो कॉलेज की मस्ती वो बचपन मैं "SO CALLED "प्यार मिस करता हूँ 
वो बुआ मासी मामा ....सब को मिस तो करता हूँ पर कभी ..अपनी सोच से हट के CONTACT नहीं करता हूँ   
सोचता हूँ सोचता हूँ ....अजीब हैं पर पता नहीं ...अब साला सोचने मैं ही सुकून मिलता हैं !