Saturday 15 October 2011

भागम भाग

हम सारी उम्र भागने मैं निकाल देते हैं ....और शायद ऐसी चीजों के लिए जिनके पाने के बाद हमें लगता है साला...इसके लिए की थी भागदौड़....
हम अपने सपने छोड़ के किसी और के सपनो को पूरा करने भागता है .....खुद सपने देखना भूल जाते हैं दुसरो के सपनो मैं जीते हैं ...
अपना कोई सपना साला आये भी तो ....सोचते हैं ,... ये तो वहम हैं भाई ....जागो जो सपने के पीछे भाग रहे थे उठो ....फिर से भागो ...
भागना  ....इन्सान की प्रवति का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं .....बचपन मैं माँ - बाबा की पिटाई से भागना...
पडोसी का कांच तोड़ के भागना .... किसी के साथ मस्करी कर डांट, मार ना पढ़ जाये इसके लिए भागना...
स्कूल ना जाने से भागना ....स्कूल जाके स्कूल बंक करके भागना...
स्कूल मैं प्यार हो जाये तो लड़की के पीछे भागना ...
उसके भाई या बापू को पता चले तो उनकी पिटाई से बचने के लिए भागना
अब्सेंट हो जाये तो दोस्तों के पीछे home वर्क के लिए भागना ...
10 -11 th  क्लास के बाद माँ बाप से बहन - भाई से दूर भागना ....
मैं बड़ा हो गया हूँ ये सोच के ....बड़ो से भागना उनकी सलाह से भागना
स्कूल के बाद कॉलेज के लिए भागना ....कॉलेज मैं अब्सेंट ना हो जाये XX ना लग जाये ..इसके लिए ना चाहते हुए भागना
कॉलेज मैं भी प्यार हो जाये तो लड़की के पीछे भागना...
और प्यार नहीं हो, तो प्यार की खोज मैं भागना ..
फिनाल इयर मैं ...जॉब की तलाश मैं यहाँ वहां भागना......और उससे पहले के सालों मैं RESUME  को अच्छा करने के लिए यहाँ वहां भागना ...
जॉब ज्वाइन करके satisfaction ना पाके,  नए जॉब के पीछे भागना
और कुछ नहीं तो MBA , CFA  etc के पीछे भागना की कहें तो कुछ नया ह़ो
जॉब मैं रहके गर्ल फ्रेंड बनाने के लिए यहाँ वहां भागना .....
कुछ टाइम जॉब मैं काम से भागना....बॉस के सामने दिखने के लिए भागना ....
अपने दोस्तों की settled / unsettled लाइफ से जल के या डर के अपनी लाइफ को अच्छा करने की आस लेके भागना ...
दोस्तों के सवालो के जवाब ना देना पढ़े इसलिए उनके फ़ोन, समस, चाट से यहाँ तक की उनकी लाइफ के सलेब्रतिओं से भागना ....
कुछ ना ह़ो तो कुछ करने के लिए भागना..... प्यार नहीं हुआ तो सेत्तले होने के लिए शादी के लिए लड़की देखने के लिए ...यहाँ वहां भागना
शादी होने के बाद एकांत ढूँढने के लिए भागना.... ...
थोड़े टाइम बाद रिश्तो को सरदर्द समझ के रिश्तो से भागना.....अपनी monotonous लाइफ से बोरियत दूर करने के लिए भागना ...
थक हार के भी ....बच्चो के साथ भागना ....बच्चो के पीछे भागना .....उनके स्कूल कॉलेज की जरूरतों को पूरा करने के लिए भागना ....
भागना भागना ,,,,,,,और भागना......और इसी भागम भाग मैं हम खुद से  ही भागने लगते हैं .....
और जब साला retirement   के बाद खुद के लिए टाइम मिलता हैं भागम भाग से मुक्ति मिलती हैं तो
हमें लगता हैं जन्दगी साली कितनी बेईमान हैं ....कितना भागती हैं ....और हमें अपने पीछे भागाति रहती हैं ....भागती रहती हैं  ......भागाति रहती है..

8 comments:

Vipin Kumar said...

me likey !

Biren said...

thnk u papaaazzz

Anshul Singhal said...

achha hai...lage raho

Kailash Chander Verma said...

bhatia, ek play kar sakta hai

Biren said...

thnks singhal sahab.....
@kailash ek play :P.......hehe its beeeen Long man since i have even seen a stage

parmar said...

good one bhatias :D

Nimit Jain said...

Badhiya hai... reminds me of "Bhag Bhag Dk Boss!!" :D

Biren said...

thanks parmar ...
NImit bhai ....I thought of Keeping this as the title ....BHAAG BHAAG DK ....:D ....but Bhagam bhag rakha :D ...